जब सामने वो आ जाते है
ना जाने क्या हो जाता है
साँसे मेरी थम जाती है
और धड़कन बस रुक जाती है
तूफ़ान सा दिल में उठा जाता है
और एक प्यास सी दिल में जगा जाता है
छीनकर चैन मेरा , दर्द दे जाता है
मात्वाले नैन जब भी मिला जाता है
कहनी होतो है बात कोई
कुछ और ही हम कह जाते है
की हमने सँभालने की नाकाम कोशिश कई
पर न जाने क्या हो जाता है
…………….जब सामने वोह आजाते है…..